मरुधर प्रेम गाथा राजस्थान की जीवंत और रहस्यमयी पृष्ठभूमि में रची-बसी एक अद्भुत कथा है। यह कहानी प्रेम, रहस्य और एक सदियों पुराने श्राप को समेटे हुए है, जो दो प्रेमियों और उनके वंशजों की जिंदगी को प्रभावित करता है। यह गाथा अविनाश भाटी की है, जो अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं और उस श्राप से मुक्ति चाहते हैं जिसने पीढ़ियों से उनके परिवार को जकड़ रखा है। समय कम है, और अविनाश अपने बेटे वैभव को इस श्राप को तोड़ने की ज़िम्मेदारी सौंपते हैं। वैभव अपने परिवार को बचाने के लिए वकील कैंडिस की मदद लेता है, जो जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका की रहने वाली हैं। पहले तो कैंडिस को इस कहानी पर विश्वास नहीं होता, लेकिन जल्द ही वह भाटी परिवार के अतीत में डूब जाती हैं, जहाँ उसे प्रेम, बलिदान और मुक्ति की गहरी परतें दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, राजकुमार भंवर और बंजारा लड़की नीलम की दुखद प्रेम कहानी सामने आती है। समाज और परंपराओं की दीवारों के बीच उनका प्रेम पनपा, लेकिन इस रिश्ते का अंत त्रासदी में हुआ। इस प्रेम ने एक श्रृंखला को जन्म दिया, जिससे विश्वासघात, दर्द और एक श्राप ने भाटी परिवार की नियति को सदियों तक प्रभावित किया। कैंडिस की यात्रा उसे जोधपुर के बाजारों, रेगिस्तान के पवित्र मंदिरों और उन महलों तक ले जाती है, जहाँ बीता हुआ कल आज भी छाया बनकर मौजूद है। वैभव, इतिहासकार एंड्रयू और उनकी बेटी संध्या के साथ, कैंडिस को कई रहस्यों, अदृश्य शक्तियों और पारिवारिक प्रतिद्वंद्विताओं का सामना करना पड़ता है। इस सफर के दौरान, कैंडिस न केवल भाटी परिवार की सच्चाई उजागर करती है बल्कि प्रेम और क्षमा की शक्ति को भी महसूस करती है। यह श्राप केवल एक पारिवारिक कहानी नहीं है, बल्कि यह मानवता की दृढ़ता और आत्माओं के बीच के बंधन की कथा बन जाती है। मरुधर प्रेम गाथा केवल एक प्रेम कथा नहीं है; यह आत्म-खोज, सांस्कृतिक अन्वेषण और यह समझने की यात्रा है कि अतीत किस तरह भविष्य को आकार देता है। उपन्यास राजस्थान की अनंत धरोहर, परंपराओं और आध्यात्मिकता की झलक देता है, जिससे पाठकों को हर पृष्ठ पर एक नया रहस्य अनुभव होता है। यह कहानी प्रेम की शक्ति, बलिदान और आशा का अद्भुत चित्रण है। जो पाठक गहरी भावनाओं और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाली कहानियों का आनंद लेते हैं, उनके लिए मरुधर प्रेम गाथा एक यादगार अनुभव साबित होगी।